What we do-
1. ऑर्गेनिक पैड जागरुकता अभियान
2. ग्रामीण स्कूलों को कंप्यूटर शिक्षा
3. मलिन बस्ती में ब्यूटीशियन
4. सिलाई कढ़ाई मेहंदी के कोड कराना ट्रेनिंग देना
5. मरीन बस्ती में फूड डिस्ट्रीब्यूशन
6. स्वास्थ जागरुकता
1. ऑर्गेनिक पैड जागरुकता अभियान
7 डेज फाउंडेशन की फाउंडर कोमल और उनकी टीम गांवों और बस्तियों में जाकर ऑर्गेनिक सेनेटरी पैड का वितरण करते हैं| वह लोगो के बीच जाकर बताती है कि कैसे असुरक्षित कार्यप्रणाली से महिला में गर्भ धारण नही होने सहित कैंसर गुप्त रोग आदि कई बीमारियां फैल रही है,वो सेनेटरी पैड के विभिन्न फायदे बताते हुए आर्गेनिक इकोफ्रेंडली पैड इस्तेमाल करने के लिए सबको जागरूक करती हैं | लोगो को जागरूक करने के लिए कोमल कैंप्स भी लगवाती हैं और इन कैंप्स में कई डॉक्टरों को भी शामिल करती हैं ताकि लोग उनकी बातों को गंभीरता से लें।
2. ग्रामीण स्कूलों को कंप्यूटर शिक्षा
7 डेज फाउंडेशन ने अपने काम को विस्तार देते हुए कंप्यूटर शिक्षा को गांवों तक पहुंचाने का संकल्प लिया। कुछ सरकारी संस्थानों के सहयोग से कोमल इस काम को आगे बढ़ा रही हैं। इससे गांव के लोगों में कंप्यूटर के बारे में दिलचस्पी पैदा हो रही है। ये साक्षरता की दिशा में एक बड़ा क़दम है। कोमल की संस्था ने कई गांवों के स्कूल गोद लिये हुए हैं। उन्हीं स्कूलों में वो अपने कैंप लगाती हैं, सेनेटरी पैड का वितरण करती हैं। स्थानीय पुलिस, ज़िला प्रशासन, रेलवे पुलिस, स्वास्थ्य विभाग समेत कई विभाग कोमल गुप्ता की संस्था की मदद कर रहे हैं।
3. मलिन बस्ती में ब्यूटीशियन
7 डेज फाउंडेशन अपने शुरुआती दिनों से ही महिलाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में कम करती रही है यह संस्था महिलाओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ गरीब, पिछड़े और मलिन इलाकों में रह रहीं लडकियों और महिलाओं को हर तरह से मजबूत बनाने की भी कोशिश करती है। संस्था मलिन बस्तियों की लडकियों और सक्षम औरतों को ब्यूटिशियन की ट्रेनिंग फ्री में उपलब्ध कराती हैं। जिससे उन्हें आर्थिक रूप से आगे बढने में सहायता मिलती हैं | और वो अपने पैरों पे खड़ी हो सकें और अपने परिवार के विकास में आर्थिक रूप से भी मदद कर सकें|
4. सिलाई कढ़ाई मेहंदी के कोड कराना ट्रेनिंग देना
7 डेज फाउंडेशन ना सिर्फ़ महिलाओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही हैं बल्कि वो उन्हें हर तरह से मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है। सिलाई, कढ़ाई, बुनाई और मेहंदी लगाने की ट्रेनिंग कोमल की संस्था फ्री में उपलब्ध कराती हैं। समय-समय पर कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चियां और महिलाएं अपने हुनर का प्रदर्शन करती हैं। कोरोना काल में कोमल गुप्ता और उनके साथियों ने उन सैकड़ों लोगों तक मदद पहुंचाई जिनके सामने रोजी-रोटी का संकट आन पड़ा था। उन्होंने प्रशासन के कंधे से कंधा मिलाकर काम किया और अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा किया।
5. मलिन बस्ती में फूड डिस्ट्रीब्यूशन
7 डेज फाउंडेशन और उनकी संस्था की टीम की चुनौती कोरोना काल में हुए लॉकडाउन में बढ़ गई। महामारी के साथ-साथ महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी तक़लीफ़ों भी बढ़ने लगीं। और उसके साथ साथ गरीब और मलिन बस्तियों के लोगो लोगो को खाने-पिने की भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था| उस मुश्किल समय में भी यह संस्था नहीं रुकी और लगातार गरीबो के कल्याण के लिए कार्य करती रही, इसके हर कार्य में प्रशासन ने भी भरपूर साथ दिया| लॉकडाउन के समय में इस संस्था ने मलिन बस्तियों में घूम घूम कर खाने पिने की चीजो का वितरण किया|
6. स्वास्थ जागरुकता
7 डेज फाउंडेशन पिछले कई सालों से गांवों, बस्तियों और स्कूलों में मासिक धर्म के बारे में जागरूकता लाने की कोशिश कर रही हैं। यह संस्था गांवों और बस्तियों में जाकर ऑर्गेनिक सेनेटरी पैड का वितरण करते हैं ताकि महिलाएं साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें और बीमारियों से बचें। अब तक उन्होंने 80 हज़ार से ज़्यादा सेनेटरी पैड बांटे हैं। उन्होंने कई गर्ल्स स्कूलों में भी लड़कियों के बीच मेन्स्ट्रुएशन की जानकारी दी और उन्हें सेनेटरी पैड बांटे। लड़कियों के लिए संस्था ने 25 से ज़्यादा समर कैंप लगाए जिसमें उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी गई। ऑर्गेनिक पैड के इस्तेमाल के फ़ायदे बताए गए। इन कैंप्स में कई डॉक्टरों को भी शामिल किया गया ताकि लोग उनकी बातों को गंभीरता से लें।